Mathura Me Ghumne Ki Jagah: मथुरा, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित, एक ऐतिहासिक शहर है जो अपनी धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है और यहाँ हर साल लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक घूमने आते हैं। मथुरा में घूमने की जगहों की सूची बहुत लंबी है, लेकिन यहां हम कुछ फेमस मथुरा में घूमने की जगहों के बारे में जानेंगे।
Best 5 visiting places in mathura – Top 5 Mathura Me Ghumne Ki Jagah
#1. श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर
“श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर” जो भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है। यह मंदिर उस जगह पर बना है जहाँ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस स्थान का धार्मिक महत्व छठी शताब्दी ईसा पूर्व से है और इसे इतिहास में कई बार नष्ट किया गया है, जिसमें सबसे हाल की घटना 1670 में औरंगजेब द्वारा की गई थी।
मंदिर का वर्तमान स्वरूप 20वीं शताब्दी में उद्योगपतियों की आर्थिक मदद से निर्मित किया गया था। मंदिर परिसर में केशवदेव मंदिर, गर्भ गृह मंदिर और भागवत भवन शामिल हैं। इसके अलावा, परिसर में पोतरा कुंड भी है, जो एक पवित्र कुंड है। मंदिर की यात्रा जन्माष्टमी, बसंत पंचमी, होली और दीपावली जैसे त्योहारों के समय विशेष रूप से मनभावन होती है, जब यहाँ बड़े ही धूम-धाम से उत्सव मनाए जाते हैं।
मंदिर का किराया
- भारतीय नागरिकों के लिए प्रवेश शुल्क ₹25 है
- विदेशी नागरिकों के लिए प्रवेश शुल्क ₹300 है
मंदिर खुलने और बंद होने का समय
गर्मी का मौसम (अप्रैल से जून) : | सर्दी का मौसम (जुलाई से मार्च) : |
सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक | सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक |
गर्भगृह (garbhagriha) :
गर्भगृह सुबह 6:30 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है
#2. द्वारकाधीश मंदिर
“द्वारकाधीश मंदिर” मथुरा में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर अपने भव्य राजस्थानी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का निर्माण 1814 में ग्वालियर राज्य के कोषाध्यक्ष सेठ गोकुल दास पारीख द्वारा किया गया था, और उनकी मृत्यु के बाद इसे उनके उत्तराधिकारी सेठ लक्ष्मीचन्द्र ने पूर्ण कराया1।
मंदिर मथुरा के राजाधिराज बाज़ार में स्थित है और यह विश्राम घाट के पास है। श्रावण के महीने में यहाँ जिण्डोला उत्सव के दौरान लाखों श्रद्धालु सोने-चाँदी के हिंडोले देखने आते हैं। यह मंदिर पुष्टिमार्गीय प्रणालिका के अनुसार सेवा पूजा के लिए प्रसिद्ध है, और इसकी सेवा पूजा 1930 में पुष्टिमार्ग के आचार्य गिरधरलाल जी कांकरौली वालों को समर्पित की गई थी1।
इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह भगवान द्वारकाधीश (द्वारकानाथ) और राधारानी (वृन्दावनेश्वरी) को समर्पित है, और यहाँ जन्माष्टमी, राधाष्टमी, होली, शरद पूर्णिमा जैसे त्यौहारों के समय विशेष उत्सव होते हैं। “द्वारकाधीश मंदिर” मथुरा की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह शहर के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
#3. विश्राम घाट
“विश्राम घाट” मथुरा में यमुना नदी के किनारे स्थित एक प्रमुख और पवित्र घाट है। इसका नाम “विश्राम” इसलिए पड़ा क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध करने के बाद यहाँ विश्राम किया था1। यह घाट मथुरा के 25 घाटों में से एक है और इसके उत्तर और दक्षिण में 12-12 घाट स्थित हैं। यहाँ यमुना महारानी का एक सुंदर मंदिर भी है, जहाँ यमुना जी की आरती की जाती है।
विश्राम घाट पर संध्या का समय बहुत ही आध्यात्मिक माना जाता है और यहाँ अनेक सन्तों ने तपस्या की है। यह स्थान धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जीवों के लिए विश्राम का स्थान है, जहाँ वे श्रीकृष्ण के पादपद्म धौत इस महातीर्थ में स्नान कर विश्राम अनुभव करते हैं। यम द्वितीया के दिन यहाँ स्नान करने का विशेष महत्व है, और इस दिन बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ स्नान करने आते हैं1।
विश्राम घाट के आसपास कई प्रमुख मंदिर भी हैं, जैसे मुकुट मंदिर, राधा-दामोदर, मुरली मनोहर, नीलकण्डश्वर मंदिर, यमुना-कृष्णा मंदिर, लंगली हनुमान मंदिर, नरसिंह मंदिर आदि। यह घाट मथुरा के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है और यहाँ रोजाना संध्या के समय यमुना नदी की आरती का आयोजन होता है। विश्राम घाट अपनी आध्यात्मिकता और शांति के लिए जाना जाता है, और यह मथुरा की यात्रा के दौरान अवश्य देखने योग्य स्थानों में से एक है।
#4. प्रेम मंदिर
“प्रेम मंदिर” वृंदावन, मथुरा में स्थित एक भव्य हिन्दू मंदिर है, जिसे जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रेम को समर्पित किया गया है। मंदिर की वास्तुकला भारतीय शिल्पकला के पुनर्जागरण का एक उदाहरण है, जिसमें इटैलियन करारा संगमरमर का प्रयोग किया गया है। मंदिर की बाहरी और भीतरी दीवारों पर राधा-कृष्ण की लीलाओं को शिल्पांकित किया गया है, और मंदिर में कुल 94 स्तम्भ हैं जो विभिन्न लीलाओं से सजाये गये हैं। मंदिर परिसर में फव्वारे, राधा-कृष्ण की मनोहर झाँकियाँ, श्री गोवर्धन लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीला की झाँकियाँ उद्यानों के बीच सजायी गयी हैं।
प्रेम मंदिर के खुलने का समय सुबह 5:30 बजे है और बंद होने का समय रात 8:30 बजे है। मंदिर में विभिन्न आरती का प्रदर्शन किया जाता है, और मंदिर में प्रवेश करने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
प्रेम मंदिर न केवल भारतीयों को आकर्षित करता है बल्कि अन्य धर्मों के लोगों और विदेशी सैलानियों को भी आकर्षित करता है। इस मंदिर का रखरखाव जगद्गुरु कृपालु परिषद, एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी, शैक्षिक, आध्यात्मिक, धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। यह मंदिर भगवान राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम का प्रतीक है।
#5. गोवर्धन पर्वत
“गोवर्धन पर्वत” मथुरा का एक पवित्र हिन्दू स्थल है। यह पर्वत लगभग 8 किलोमीटर लंबा है और राधा कुंड क्षेत्र में स्थित है, जो वृंदावन से करीब 21 किलोमीटर दूर है। गोवर्धन पर्वत को “गिरिराज” के नाम से भी जाना जाता है और यह भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कानी अंगुली पर उठाया था। इस पर्वत की परिक्रमा करने की परंपरा है, जो लगभग 21 किलोमीटर की होती है और इसमें आन्यौर, गोविन्द कुंड, पूंछरी का लौठा, जतिपुरा, राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, दानघाटी जैसे प्रमुख स्थल आते हैं।
गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा का बहुत महत्व है और यह हिन्दू धर्म में एक आस्था की अनोखी मिसाल मानी जाती है। श्रद्धालु दण्डौती परिक्रमा भी करते हैं, जिसमें वे जमीन पर लेटकर और हाथ फैलाकर एक निश्चित दूरी तय करते हैं और फिर उसी प्रकार आगे बढ़ते हैं। यह परिक्रमा एक सप्ताह से लेकर दो सप्ताह में पूरी होती है।
Mathura Jane Ka Sahi Samay – मथुरा में घूमने का सही समय
Mathura Jane Ka Sahi Samay वास्तव में आपके घूमने की पसंद पर निर्भर करता है। अगर आप गर्मी से बचना चाहते हैं तो अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे अच्छा होता है इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और घूमने फिरने में कोई परेशानी नहीं होती।
मथुरा में होली और जन्माष्टमी काफी फेमस है ये त्यौहार यहाँ खूब धूम धाम से मनाया जाता है। यदि आप होली और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के उत्साह का अनुभव करना चाहते हैं, तो आप इन त्योहारों के आसपास मथुरा की यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, इन दिनों में मथुरा में काफी भीड़ होती है अगर आप विशेष रूप से किसी त्योहार के लिए नहीं जा रहे हैं और शांतिपूर्ण ढंग से घूमना चाहते हैं तो अक्टूबर से मार्च का सुहावना मौसम आपके लिए बेस्ट रहेगा।
Hotel in Mathura – मथुरा में रुकने व ठहरने के लिए बेस्ट होटल्स
- Centrum Hotel by Brijwasi (सेंट्रम होटल बाई ब्रिजवासी)
- Brijwasi Lands Inn (बृजवासी लैंड्स इन)
- Goverdhan Palace (गवर्नहान पैलेस)
- Rajwada Resorts and Hotel (राजवाड़ा रिसॉर्ट्स एंड होटल)
Dharamshala in Mathura – मथुरा में सस्ते में रुकने व ठहरने के लिए बेस्ट धर्मशाला
- Shri Radha Sewa Trust Dharamshala (श्री राधा सेवा ट्रस्ट धरमशला)
- Shri Thakur Ji Ashram (श्री ठाकुर जी आश्रम)
- Mahaveer Digamber Jain Dharamshala (महावीर दिगम्बर जैन धर्म्शला)
- Laxmi Bhawan Dharamshala (लक्ष्मी भवन धर्म्शला)
Mathura Travel Guide Video
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