बनारस में घूमने की जगह: वाराणसी भगवान शिव की नगरी, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक प्राचीन और महत्वपूर्ण शहर है। इसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है और यह गंगा नदी के किनारे बसा है। वाराणसी भारतीय संस्कृति, धर्म और तात्त्विकता का महत्वपूर्ण केंद्र है। इस नगर में काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा आरती, और सर्वप्रथम उपनिषद होने के आदि इतिहासिक स्थल हैं। वाराणसी का भव्य महाकुम्भ भी प्रतिवर्ष आयोजित होता है।
यहां का विविधता, तपोभूमि, और सजीव धार्मिक जीवन इसे एक अद्वितीय शहर बनाते हैं। यह शहर संस्कृति से भरपूर है और भारत का सबसे पवित्र शहर है। तुलसीदास जैसे प्रसिद्ध भारतीय लेखकों ने यहीं राम चरित मानस लिखा।
यह शहर अपने सोने और चांदी के धागे के काम, लकड़ी के खिलौने, कालीन बुनाई, कांच की चूड़ियाँ, इत्र, विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प और कलात्मक पीतल के बर्तनों के लिए जाना जाता है। आइए Varanasi Tour के लिए कुछ सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के बारे में जानें।
बनारस में घूमने की जगह (Top 5 Tourist Places in Varanasi)
#1. गंगा रिवर (Ganga River)
गंगा नदी, जिसे हिंदू देवी गंगा के नाम पर रखा गया था, भारत के सबसे प्रिय प्राकृतिक आश्चर्यों में से एक है। यह नदी उत्तर में हिमालय से दक्षिण-पूर्व में बहती हुई बंगाल की खाड़ी तक जाती है, जहाँ यह हिंद महासागर में गिरती है। गंगा नदी भारत की जीवन रेखा है, और यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
गंगा नदी लगभग 2,525 किलोमीटर (1,570 मील) लंबी है, और यह दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है। यह नदी भारत के उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर गुजरती है।
गंगा नदी का पानी भारत के लगभग 600 मिलियन लोगों के लिए पीने और स्नान के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है। नदी के किनारे कई शहर और गांव बसे हुए हैं, और गंगा नदी इन समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संसाधन है।
गंगा नदी हिंदू धर्म में एक पवित्र नदी है। हिंदू मानते हैं कि गंगा नदी में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। दुनिया भर से हिंदू हर साल वाराणसी जाते हैं, जो गंगा नदी के तट पर स्थित एक पवित्र शहर है। वाराणसी में, हिंदू गंगा नदी में स्नान करते हैं, नदी के किनारे अनुष्ठान करते हैं, और गंगा नदी के पानी को पीते हैं।
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#2. अस्सी घाट (Assi Ghat)
वाराणसी में, अस्सी घाट शहर के सबसे दक्षिणी प्रमुख घाटों में से एक है। यह गंगा नदी के तट पर स्थित है और अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। अस्सी घाट की मुख्य विशेषता एक शिव लिंगम है, जो एक पवित्र अंजीर के पेड़ के नीचे स्थित है। इस लिंगम को संगमेश्वर महादेव के रूप में जाना जाता है और यह माना जाता है कि यह भगवान शिव का एक अवतार है। प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थयात्री गंगा नदी में स्नान करने के बाद इस लिंगम की पूजा करने आते हैं।
अस्सी घाट एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। यहाँ आप स्थानीय लोगों को पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होते हुए देख सकते हैं। यहाँ कई मंदिर और अन्य ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनमें शामिल हैं:
- संगमेश्वर महादेव मंदिर
- नानक गुरुद्वारा
- कबीर आश्रम
- अस्सी संगम
Things To Do in Varanasi (बनारस टूर के दौरान अस्सी घाट पर करने के लिए कुछ चीजें)
- गंगा आरती में शामिल हों: अस्सी घाट पर शाम को एक गंगा आरती का आयोजन किया जाता है। यह एक खूबसूरत और भव्य दृश्य है।
- योग करें: अस्सी घाट पर सुबह और शाम को योग कक्षाएं आयोजित की जाती हैं। यह एक शानदार तरीका है अपने शरीर और मन को आराम देने का।
- गंगा नदी में नौका विहार करें: गंगा नदी में नौका विहार एक शानदार तरीका है शहर के दृश्यों को देखने का।
- स्थानीय भोजन का आनंद लें: अस्सी घाट पर कई रेस्तरां हैं जो स्थानीय भोजन परोसते हैं।
Ganga Aarti Varanasi
यदि आप बनारस जा रहे है तो गंगा आरती में शामिल जरुर हों। अस्सी घाट पर हर शाम को गंगा आरती का आयोजन होता है जो बहुत ही खूबसूरत और भव्य दृश्य है। अस्सी घाट बनारस में घूमने की जगहों में सबसे फेमस जगह है।
Ganga Aarti Varanasi Timing:
गंगा आरती हर दिन शाम को लगभग 6:00 बजे (सर्दियों में) और शाम को 7:00 बजे (गर्मियों में) शुरू होती है।
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#3. काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir)
बनारस में घूमने की जगहों में से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भारत का सबसे पवित्र मंदिर है। यह मंदिर हिंदू भगवान शिव को समर्पित है, यह माना जाता है कि भगवान शिव ने इस स्थान पर स्वयं प्रकट हुए थे। मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है लेकिन वर्तमान मंदिर 18वीं शताब्दी में मराठा महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनाया गया था। मंदिर का सोने का गुंबद और चांदी की वेदी इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध बनाती है।
मंदिर में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को अपने कैमरे, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बाहर रखना पड़ता है। मंदिर में मुख्य आकर्षण शिवलिंग है। यह एक 60 सेंटीमीटर ऊंचा पत्थर का स्तंभ है जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धालु शिवलिंग को छूने और प्रसाद चढ़ाने के लिए लंबी कतार में खड़े होते हैं।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर एक अद्वितीय और शक्तिशाली धार्मिक स्थल है, यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक प्रतीक है। काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने के बाद काल भैरव का दर्शन जरुर करें जो कशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग 1 km. की दुरी पर है।
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#4. दुर्गा मंदिर (Durga Mandir)
वाराणसी, घाटों और मंदिरों के अलावा शहर में देवी दुर्गा को समर्पित कई अन्य पवित्र स्थल हैं। इनमें से एक है दुर्गा मंदिर, जो अस्सी घाट के पश्चिम में स्थित है। श्री दुर्गा मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है जो हिंदू और अन्य धर्मों के लोगों को आकर्षित करता है। मंदिर में प्रतिदिन पूजा-अर्चना होती है, और भक्त यहां आकर देवी दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
300 साल पुराना यह मंदिर अपने चमकीले लाल रंग के लिए जाना जाता है। मंदिर के अंदर देवी दुर्गा की एक 10 फीट ऊंची भव्य मूर्ति है जो हाथों में शस्त्रों और फूलों से सजी हुई है। मंदिर परिसर में एक छोटा सा कुंड भी है, जहां भक्त देवी दुर्गा को अर्घ्य अर्पित कर सकते हैं।
दुर्गा मंदिर वाराणसी के अस्सी घाट के पश्चिम में स्थित है। वाराणसी के इस मंदिर तक पहुंचने के लिए, आप हमारी वेबसाइट “प्रधानजी टूर एंड ट्रेवल” पे विजिट कर सकते है और अपनी यात्रा बुक कर सकते है।
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#5. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
बनारस में घूमने की जगहों में से एक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) भी है जिसकी स्थापना 1916 में महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा की गई थी। यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, और यह एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक है। बीएचयू में 25,000 से अधिक छात्र विभिन्न विषयों में अध्ययन कर रहे हैं। बीएचयू का परिसर 1,300 एकड़ में फैला हुआ है और यह शहर के भीतर एक शांत और सुंदर स्थान है। परिसर में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल हैं, जिनमें नए विश्वनाथ मंदिर, भारत कला भवन और बीएचयू संग्रहालय शामिल हैं।
नए विश्वनाथ मंदिर
नए विश्वनाथ मंदिर बीएचयू परिसर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, और यह 1966 में पूरा हुआ था। मंदिर 77 मीटर ऊंचा है, और यह भारत के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है।
भारत कला भवन
भारत कला भवन एक सांस्कृतिक संस्थान है जो बीएचयू परिसर में स्थित है। इस संस्थान में लघु चित्रों, मूर्तियों और अन्य कलाकृतियों का एक शानदार संग्रह है। संग्रह में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक की कलाकृतियां शामिल हैं।
बीएचयू संग्रहालय
बीएचयू संग्रहालय एक ऐतिहासिक और वैज्ञानिक संग्रहालय है जो बीएचयू परिसर में स्थित है। इस संग्रहालय में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक की वस्तुओं का एक विस्तृत संग्रह है। संग्रह में जीवाश्म, मिट्टी के बर्तन, हथियार और अन्य वस्तुएं शामिल हैं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्र है जो वाराणसी की पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह विश्वविद्यालय छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और कला को संरक्षित और बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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Varanasi Tour Package From Lucknow: लखनऊ से वाराणसी की यात्रा कैसे करे
बनारस में घूमने की जगह जो भी है उन्हें आप एक्सप्लोर करना चाहते है तो लखनऊ से वाराणसी की यात्रा के लिए आप बस या ट्रैन से अपनी टिकट बुक करके आसानी से यात्रा कर सकते है इसके अलावा आप हमारी वेबसाइट “प्रधानजी टूर एंड ट्रेवल” पे जाके अपनी यात्रा आसानी से कम प्राइस में बुक कर सकते है। Lucknow से Varanasi Tour के लिए कम से कम 4 से 5 हजार रुपए पर व्यक्ति खर्च आएंगे।
बनारस में घूमने के लिए 2 दिन का टूर प्लान
Day 1:
- सबसे पहले बनारस के लिए बस पकड़े (बस बुक करने के लिए pradhang.com पे जाये)।
- वाराणसी पहुंच के होटल ले (होटल बुक करने के लिए आप trip.com पर जा सकते है) थोड़ी देर होटल में आराम करे।
- शाम को वाराणसी शहर घूमे और शॉपिंग करे।
- रात को किसी रेस्टोरेंट में भोजन करें।
Day 2:
- अगले दिन सुबह: काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करें।
- दोपहर: गंगा नदी पर एक नाव की सवारी करें और घाटों के दृश्यों का आनंद लें।
- शाम: अस्सी घाट पर गंगा आरती में शामिल हों, यह एक सुंदर और भावनात्मक अनुष्ठान है जो शाम को गंगा नदी के किनारे होता है।
- रात: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का दौरा करें और फिर वाराणसी से वापस लौटें।
यह केवल एक सुझाव है, आप अपनी रुचियों और समय सीमा के आधार पर इसमें बदलाव कर सकते हैं।
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FAQ’s
Q-1. वाराणसी टूर के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?
Ans- वाराणसी टूर के लिए 2 दिन काफी है।
Q-2. वाराणसी में गंगा आरती कितने बजे होती है?
Ans- लगभग 6 बजे बाद जब सूरज ढलता है तब।